मैसूरु। वैश्विक महामारी कोरोना एवं लोक डाउन के बीच शहर में समृध्दि एवं परंपरा का पर्व अक्षय तृतीया बड़े ही हर्षोल्लास के साथ सादगीपूर्ण तरीके से घर घर में मनाया गया। मूर्तिपूजक जैन धर्मावलंबियों द्वारा सर्वप्रथम आदेश्वर वाटिका स्थित आदिनाथ जिनालय में दर्शन-वंदन कर आचार्यश्री अजीतशेखरसूरीजी व आचार्यश्री नयचंद्रसागरसूरीश्वरजी से मांगलिक आशीर्वाद प्राप्त किया, साथ ही संक्षिप्त रुप से विधिवत पारणा का आयोजन किया गया। सुमतिनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के ट्रस्टी हंसराज पगारिया ने बताया कि इस बार कोरोना वायरस प्रसार के रोकथाम हेतु शहर लॉकडाउन किया गया है। सभी जिनालय, उपासरा, धर्मशाला, समाज भवन आदि बंद किये गये हैं तथा ज्यादा संख्या में लोगों के एकत्रित होने पर पूर्ण रूप से शासन व प्रशासन की ओर से प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में लोगों ने अक्षय तृतीया पर्व व वर्षीतप के तपस्वीयों के पारणे अपने घरों में ही किए। हंसराज पगारिया ने बताया कि इस धार्मिक आयोजन की परंपरा प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान के समय से ही चली आ रही है। तब से जैन समाज के अनुयायियों द्वारा विधिवत निरंतर जारी है। इस अवसर पर दान, धर्म, पुण्य व जैनधर्म की आध्यत्मिक आराधना की जाती है। पारणा उत्सव के तहत इस अवसर पर श्रीमती उमरावबाई पगारिया को कर्नाटक आश्रय समिति के सदस्य हंसराज पगारिया की ओर से विधिवत पारणा कराया गया। इस दौरान कानमल, सुकनराज, गजराज, अनिल, तरुण पगारिया, श्वेता छाजेड़, सीमा कुंकुलोर, आरती, मयंक, हृदय, मनन छाजेड़ आदि अनेक श्रद्धावान भी मौजूद रहे।
पगारिया ने कराया उमरावबाई का पारणा, सादगी से मनाई अक्षय तृतीया