शुक्रवार, 10जनवरी,2020 की रात मांद्य-चंद्र-ग्रहण है, चंद्र-ग्रहण नहीं है, सूतक और ग्रहण का असर नहीं रहेगा..!

 


यह मांद्ध-चंद्र-ग्रहण शुक्रवार रात्रि22.38बजे से शुरू
होकर रात्रि02.42बजे खत्म होगा


*चंद्रमा के आगे छा जाएगी धूल जैसी परत, घटता-बढ़ता नहीं दिखेगा चांद ।*


*पिछले 10 साल में 6 बार हो चुका है ऐसा मांद्यचंद्र ग्रहण*


*शुक्रवार 10 जनवरी 2020 यानी पूर्णिमा को मांद्य चंद्र ग्रहण लगेगा ।*


*मांद्य चंद्र ग्रहण होने से इस ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा। ग्रहण काल में पूजा-पाठ आदि कर्म किए जा सकेंगे। ये ग्रहण वैसा नहीं है, जिसे आसानी से देखा जा सकता है। इसमें चंद्रमा घटता-बढ़ता नहीं दिखाई देगा, सिर्फ चंद्र के आगे धूल की एक परत-सी छा जाएगी। इस कारण ज्योतिषीय मत में चंद्र ग्रहण का कोई असर नहीं होगा।*


*2020 से पहले ऐसा चंद्र ग्रहण 11 फरवरी 2017 को दिखा था ।*


10 जनवरी को लगने वाला ग्रहण रात में 22.38 बजे से शुरू होगा ।


इसका मध्य 00.40 बजे होगा ।


इसका मोक्ष रात 02.42 बजे पर होगा ।


ये ग्रहण करीब 4 घंटे 50 मिनट का रहेगा ।


*कहां-कहां दिखेगा ये मांद्ध-धुंधला-उपच्छाया चंद्र ग्रहण ?*


10 जनवरी की रात होने वाला चंद्र ग्रहण मिथुन राशि के पुनर्वसु नक्षत्र में होगा। ये ग्रहण कनाडा, अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना, अंटार्कटिका में नहीं दिखेगा। इनके अलावा भारत सहित विश्व के कई हिस्सों में दिखेगा। भारत में ये चंद्र ग्रहण दिखेगा, लेकिन मांद्य ग्रहण होने की वजह से इसका सूतक नहीं रहेगा। हिंद महासागर में ग्रहण दिखाई देगा। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये ग्रहण 10 जनवरी की रात में शुरू होगा। 12 बजे के बाद अगली तारीख यानी 11 जनवरी लग जाएगी।


मांद्य चंद्र ग्रहण किसे कहते हैं
ये मांद्य चंद्र ग्रहण है। मांद्य का अर्थ है न्यूनतम यानी मंद होने की क्रिया। इसलिए इस चंद्र ग्रहण को लेकर सूतक नहीं रहेगा। इसका किसी भी तरह का धार्मिक असर नहीं होगा। इस ग्रहण में चंद्र की हल्की सी कांति मलीन हो जाएगी। लेकिन, चंद्रमा का कोई भी भाग ग्रहण ग्रस्त होता दिखाई नहीं देगा। एशिया के कुछ देशों, यूएस आदि में ये ग्रहण देखा जा सकेगा। इस ग्रहण में चंद्रमा का करीब 90 प्रतिशत भाग धूसर छाया में आ जाएगा। धूसर छाया यानी मटमैली छाया जैसा, हल्की सी धूल-धूल वाली छाया। इस प्रभाव को भी बहुत कम ही लोग समझ पाएंगे। ये ग्रहण विशेष उपकरणों से आसानी से समझा जा सकेगा।


चंद्र पर राहु की छाया नहीं पड़ेगी
इस ग्रहण में चंद्रमा पर राहु की छाया नहीं पड़ेगी। राहु एक छाया ग्रह है। धार्मिक मान्यता है कि ग्रहण काल में चंद्र पर छाया के रूप में राहु दिखता है, लेकिन इस ग्रहण में छाया नहीं बनेगी। जब छाया ही नहीं पड़ेगी तो राहु के ग्रसने वाली बात भी नहीं होगी। यह ग्रहण केवल उपच्छाया मात्र है।


*क्यों होता है मांद्य चंद्र ग्रहण जब चंद्र पृथ्वी और सूर्य एक सीधी लाइन में आ जाते हैं।*


तब पृथ्वी की वजह से चंद्र पर सूर्य की रोशनी सीधे नहीं पहुंच पाती है और पृथ्वी की छाया पूरी तरह से चंद्र पर पड़ती है। इस स्थिति को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। जबकि मांद्य चंद्र ग्रहण में चंद्र पृथ्वी और सूर्य एक ऐसी लाइन में रहते हैं, जहां से पृथ्वी की हल्की सी छाया चंद्र पर पड़ती है। ये तीनों ग्रह एक सीधी लाइन में नहीं होते हैं। इस वजह से मांद्य चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है।


*उपच्छाया ग्रहण किसे कहते हैं*


किसी भी ग्रहण की खगोलीय घटना के साथ उसकी धार्मिक मान्यता का भी महत्व है। चंद्र ग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। लेकिन इस ग्रहण में चंद्रमा पर कोई प्रच्छाया नहीं है। यह केवल उपच्छाया ग्रहण है, जो कि सिर्फ आंख से नहीं दिखेगा। इसलिए इसे ग्रहण कहने के बजाए छाया का समय कहा जाता है।


*नहीं लगेगा सूतक, ना होगा कोई असर*


इस चंद्र ग्रहण को लेकर किसी तरह से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।
*इस मांद्य चंद्र ग्रहण के कारण इसमें सूतक काल लागू नहीं होगा। न ही सूतक का प्रारंभ और न ही सूतक का अंत ।*


*इस ग्रहण में किसी भी प्रकार का यम, नियम, सूतक आदि मान्य नहीं है।*


*2020 में होंगे 4 चंद्र ग्रहण*


इस साल 4 चंद्र ग्रहण होंगे। ये चारों ही ग्रहण मांद्य चंद्र ग्रहण रहेंगे ।
10 जनवरी वाला ग्रहण ही भारत में दिखाई देगा। इसके बाद तीन अन्य चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेंगे।
दूसरा ग्रहण शुक्रवार, 5 जून को होगा।
तीसरा रविवार, 5 जुलाई को
और
चौथा सोमवार, 30 नवंबर को होगा।


*इस साल 2 सूर्य ग्रहण होंगे*


*2020 में मांद्ध-चंद्र ग्रहण 4,*
*सूर्य-ग्रहण दो ही होंगे।*


*पहला सूर्य ग्रहण रविवार, 21 जून को होगा । ये ग्रहण भारत में दिखाई देगा।*
*इस ग्रहण का सूतक भारत में रहेगा।*


*इसके बाद साल के अंत में सोमवार, 14 दिसंबर को सूर्य ग्रहण होगा, जो कि भारत में नहीं दिखेगा ।*


पिछले 10 साल में 6 बार हुआ है ऐसा चंद्र ग्रहण


पिछले 10 सालों में मांद्य चंद्र ग्रहण 6 बार हुआ है।


इस तरह का ग्रहण 2020 में चार बार हो रहा है।
10 जनवरी के बाद
5 जून,
5 जुलाई और
30 नवंबर को मांद्य चंद्र ग्रहण होगा।
*2020 से पहले पिछले 10 सालों में
*28 नवंबर 2012,*
*25 मार्च 2013,*
*18 अक्टूबर 2013,*
*23 मार्च 2016,*
16 सितंबर 2016 और 11 फरवरी, 2017 को ऐसा मांद्ध-चंद्र ग्रहण हो चुका है। 2020 के बाद 5 मई 2023 को फिर से ऐसा ही चंद्र ग्रहण होगा ।