"शिक्षा ऐसी हो जो चरित्र निर्माण व बुद्धि विकास करे"


नचिकेता गुरुकुल द्वारा राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका विषयक वार्षिक संगोष्ठी आयोजित, अनेक सख्शियतों का सम्मान



जयपुर। यहां सिटी पैलेस में यूथ फाउंडेशन द्वारा संचालित नचिकेता गुरुकुल के वार्षिक संगोष्ठी राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका विषयक कार्यक्रम के  मुख्य अतिथि बजरंग लाल गुप्त ने कहा कि स्वामी विवेकानंदजी शिक्षा द्वारा लौकिक एवं पारलौकिक दोनों जीवन के लिए तैयार करना चाहते हैं। लौकिक दृष्टि से शिक्षा के सम्बन्ध में उन्होंने कहा है कि ‘हमें ऐसी शिक्षा चाहिए, जिससे चरित्र का निर्माण हो, मन का बल बढ़े, बुद्धि का विकास हो और व्यक्ति स्वावलम्बी बने।’ पारलौकिक दृष्टि से उन्होंने कहा है कि ‘शिक्षा मनुष्य की अन्तर्निहित पूर्णता की अभिव्यक्ति है।’ उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी हो जिससे बालक का शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक विकास हो सके। कार्यक्रम के अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा कि राष्ट्रीयता की भावना को यदि समझना है तो गुरुकुल से उपयुक्त कोई विकल्प नहीं है। गुरुकुल समरसता के साथ नागरिक भी बनता है। उन्होंने नागरिकता व राष्ट्रीयता पर बोलते हुवे कहा कि अथर्ववेद का सूत्र ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ प्रत्येक व्यक्ति के सामने पृथ्वीपुत्र होने का प्रादर्श रखता है। इसी बात को रामायणकार वाल्मीकि राम के मुख से कुछ इस तरह कहलवाते हैं, ‘‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।’ अपनी जन्मभूमि या भूखण्ड के प्रति प्रेम की इसी अभिव्यक्ति से ‘राष्ट्र’ की अवधारणा ने जन्म लिया। 
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जयपुर के सांसद रामचरण बोहरा ने संस्थान को विस्तार देने की हांमी भरते हुए कहा कि शिक्षा ऐसी हो जिससे शारीरिक मानसिक, आत्मिक विकास एक साथ बढ़े।
संस्थान के सभापति धर्मनारायण जोशी ने कहा कि इस एकेडमी का मूल लक्ष्य संस्कारोदय का निर्माण कर विधार्थियों की प्रतिभा के मुताबिक उनके लिए केरियर बनाना है। इससे पूर्व संस्थान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक डॉ पवनकुमार पारीक ने बताया कि 200 विधार्थियों की एकेडमी के लक्ष्य के साथ नचिकेता गुरुकुल वर्तमान में आगे बढ़ रहा है। भूमि आवंटन करवाने तथा आर्थिक आधार पर कमजोर विधार्थियों को उचित परामर्श व फीस सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाता है। संस्थान के अध्यक्ष नरेन्द्र हर्ष ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नचिकेता अपने निर्णयों से बिल्कुल नहीं घबराया, उसको कोई भय नहीं लगा। हमारा लक्ष्य साधक की तरह होना चाहिए। विशिष्ठ अतिथि कुंवर राजेन्द्र सिंह प्रचार, गणेश राणा व स्वागताध्यक्ष विमल सुराणा ने संस्थान के कार्यो की प्रसंशा की। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा 7 मिनट का नचिकेता के आदर्श व स्वामी विवेकानंद के आदर्श पर आधारित वीडियो संदेश मंच से प्रसारित किया गया। स्वागत उदबोधन व अतिथि परिचय संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष आशुतोष पंत ने दिया। मंच संचालन करते हुए डॉ ज्योति जोशी व विष्णु पारीक ने संस्थान के कोषाध्यक्ष सीए केसी परवाल द्वारा सरल भाषा मे रचियत श्रीमद्भागवत व रामायण ग्रंथों के बारे में बताया। स्वागत समिति व आयोजन समिति के सदस्य जेपी शर्मा(पूर्व कुलपति) ज्योति कोठारी, सचिव देवेंद्र धाकड़, डॉ जगदीश पारीक, सीए रोहित रूवाटिया, रवि नैय्यर, ओमप्रकाश सेवदा, लक्ष्मण बोलिया, एडवोकेट आनंद शर्मा आदि ने अतिथियों को मेमेंटो भेंट किया। नचिकेता गुरुकुल के विधार्थियों ने वंदना व राष्ट्रगान गाया।




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