महालक्ष्मी के महामांगलिक में मिले सोने, चांदी व भारतीय मुद्रा के सिक्के-नोट


इंदौर के दस्तूर गार्डन में राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी के मंत्र शक्तिपात में दिखाए प्रत्यक्ष चमत्कार



 मातृशक्ति को नमन करते हुए संस्कार और परंपराओं को सहेजने की दी प्रेरणादायक सीख




इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर शहर के लिए रविवार 8 मार्च विश्व महिला दिवस एवं वर्षों बाद आये मित्र मुहूर्त ने उस समय इतिहास रच दिया जब यहां दस्तूर गार्डन में विश्वविख्यात राष्ट्रसंत श्री कृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने भारत एवं भारतीय वासियों को समृद्ध बनाने के लिए मां महालक्ष्मी का दिव्य चमत्कारिक मांगलिक प्रदान किया। सर्वधर्म व समाज के बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं-श्रद्धालुओं को सोने की गिन्नी व चांदी के सिक्के अनेक प्रकार के रत्न मोती आदि प्राप्त हुए। यही नहीं श्रद्धालुओं को देखते ही देखते भारतीय मुद्रा के ₹10 से ₹500 तक के नोट चमत्कारिक रूप से प्राप्त हुए। देश और दुनिया में टीवी के माध्यम से पारस चेनल से सीधा प्रसारण देख रहे लोगों को भी इसी प्रकार के सिक्के, नोट व कुमकुम प्राप्त हुए तथा साथ ही अनेक लोगों की शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिली। सिद्ध साधक संतश्रीजी के साधना के 20 वर्षों के इतिहास में शनि मंगल केतु के अद्भुत दुर्लभ मित्र मुहूर्त में लक्ष्मी-समृद्धि प्रदायक आशीर्वाद प्रदान करते हुए पहली बार महालक्ष्मीजी का महा मांगलिक दिया। इस कार्यक्रम में महालक्ष्मीजी के 1008 नाम और लक्ष्मी कवच का भी एक सुर में वाचन किया। खचाखच भरे दस्तूर गार्डन में उन्होंने शरीर के छह चक्रों के माध्यम से विभिन्न यौगिक मुद्राएं-क्रियाएं कराई। दैवीय तरंगों की अदृश्य शक्ति से साक्षात्कार कराते हुए डॉ वसंतविजयजी ने मेडिकल साइंस को भी चुनौती भरे अंदाज में लोगों को ठीक किया। अब तक दुनियाभर में अपनी साधना शक्ति से करीब 7 लाख 20 हजार लोगों को विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाने वाले संतश्रीजी ने इस मौके पर अपने अमृतमयी संदेश में कहा कि गुरु की कृपा से घर-परिवार समाज एवं व्यक्ति के जीवन के अंधकार को प्रकाशित किया जा सकता है। विश्व महिला दिवस के अवसर पर सिद्ध साधक ब्रह्मचारी संतश्रीजी ने माता अहिल्या देवी की इस धरा से समस्त  मातृशक्ति को नमन करते हुए नारियों को अपनी स्वतंत्रता में पाश्चात्य संस्कृति से बचने व अपनी संस्कृति, संस्कार और परंपराओं को सहेजे रखने की प्रेरणा दी। नारी जाति के लिए पारंपरिक भारतीय संस्कृति की वेशभूषा सभ्य श्रृंगार अपनाने की सीख भी उन्होंने दी। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सुनील मंडलेचा व संगीतकार दीपक, करणपुरिया ने किया। सभी का स्वागत एवं आभार डॉ अभय बागरेचा व कमलेश अग्रवाल ने जताया। श्रीकृष्णगिरी पार्श्वपद्मावती शक्तिपीठ भक्त मंडल इंदौर के तत्वावधान में हुए इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के अनेक शहरों सहित महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, तमिलनाडु, पंजाब व हरियाणा आदि प्रांतों के विभिन्न शहरों से भी श्रद्धालुओं ने शिरकत कर अनेक प्रकार के आध्यात्मिक भक्ति-शक्ति का लाभ प्राप्त किया।





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