जो कोरोना की सात दिवसीय परीक्षा में पास होगा, उसे ही 21 अप्रैल से थोड़ी रियायत मिलेगी, मोदी के संबोधन का सार। तबलीगी जमात पर कोई टिप्पणी नहीं, बल्कि..



न्यूज डेस्क । 
14 अप्रैल के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि जो लोग कोरोना की सात दिवसीय परीक्षा में पास होंगे, उन्हें ही थोड़ी रियायत दी जाएगी। यानि पिछले 21 दिन के लॉकडाउन में तो देशवासी घरों में कैद रह कर कोरोना परीक्षा की तैयार की थी। मंगलवार को मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाते हुए कहा कि 20 अप्रैल तक जिन जिलों में हालात नियंत्रण में रहे, वहां थोड़ी रियायत दी जा सकती है। यानि 14 से 20 अप्रैल तक देश के हर जिले और हॉटस्पॉट की परीक्षा होगी। हालांकि मोदी ने समीक्षा के प्रावधान नहीं बताए, लेकिन इतना जरूर कहा कि 20 अप्रैल से और सख्ती की जाएगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भले ही कोरोना की भयावह स्थिति के लिए तबलीगी जमात को जिम्मेदार माने, लेकिन पीएम मोदी ने जमात के कोरोना संक्रमण पर एक शब्द भी नहीं कहा। उल्टे लॉकडाउन में धैर्य दिखाने के लिए देश के 130 करोड़ लोगों का आभार जताया। मोदी ने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि कोरोना वायरस के मद्देनजर देश में स्वास्थ्य सेवाओं की कोई कमी नहीं है। विपक्ष की आलोचनाओं का जवाब देते हुए भी पीएम मोदी ने कहा कि जब देश में 550 मरीज हुए थे, तब 21 दिन का देशव्यापी लॉकडाउन घोषित कर दिया। ऐसा बड़ा कदम और किसी देश में देखने को नहीं मिला। यही वजह है कि विकसित देशों के मुकाबले भारत में स्थिति अच्छी है। अब यदि हमने 3 मई तक और जागरुकता दिखाई तो भारत कोरोना लड़ाई में जीत हासिल कर लेगा। मोदी ने माना कि लॉकडाउन से लोगों को परेशानी हो रही है, लेकिन जीने के लिए यह जरूरी है। लॉकडाउन में होने वाला आर्थिक नुकसान लोगों की जान के सामने कुछ भी नहीं है। हालातो को देखते हुए आगामी 3 मई तक के लिए लॉकडाउन को बढ़ाया जा रहा है। यानि मोदी ने दूसरे चरण में 19 दिन का लॉकडाउन किया गया है। दूसरे चरण में भी लोगों को आवागमन की छूट नहीं दी गई है। जो जहां है वह वही रहेगा। इधर-उधर फंसे लोगों को उम्मीद थी कि 14 अप्रैल के बाद कम से कम अपने गन्तव्य स्थान पर तो जा सकेंगे। लेकिन ऐसी कोई रियायत नहीं दी गई है। इससे स्थानीय प्रशासन पर और दबाव पड़ेगा। अजमेर जैसे धार्मिक स्थल पर कोई चार हजार जायरीन दरगाह क्षेत्र में फंसे हुए हैं। इनमें महिलाएं और बच्चे भी है। 


45 दिन का लॉकडाउन..


प्रधानमंत्री मोदी ने भले ही दो चरणों में 40 दिन का लॉकडाउन किया हो, लेकिन राजस्थान में यह 45 दिन का हो गया है, क्योंकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता कफ्र्यू वाले 22 मार्च से ही लॉकडाउन कर दिया था। 


पॉजिटिव केस की संख्या बढ़ेगी..


14 अप्रैल को राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या और बढ़ेगी। शर्मा ने बताया कि रेपिड टेस्ट किट बड़ी संख्या में प्राप्त हो गए हैं। इसलिए आने वाले दिनों में टेस्ट की संख्या भी तेज से बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पॉजिटिव केस की संख्या बढऩे से किसी को भी घबराने की जरुरत नहीं है,क्योंकि पॉजिटिव केस मिलने के बाद हालातों पर प्रभावी नियंत्रण हो सकता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भी जरुरत के अनुरूप कोरोना टेस्ट करवाए जा रहे हैं। लेकिन आने वाले दिनों में टेस्ट और अधिक संख्या में करवाए जाएंगे। शर्मा ने कहा कि सरकार ने जिन पॉजिटिव मरीजों का इलाज करवाया उनमें से अभी तक किसी को भी वेंटीलेटर की जरुरत नहीं पड़ी है। हालांकि सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में वेंटीलेटर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में मोडीफाइड लॉकडाउन लागू किया जाएगा, इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द ही घोषणा करेंगे। शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार से राज्य सरकार को एक लाख करोड़ रुपए का पैकेज मिलना चाहिए। 
(साभार ; एस.पी.मित्तल)


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