क्या कोरोना वायरस को लेकर केन्द्र और राज्यों के बीच तालमेल खत्म हो गया है ?, केन्द्रीय गृहमंत्रालय द्वारा जारी गाइड लाइन के क्या मायने निकाले जाए?


न्यूज डेस्क। देशभर के आम नागरिक और कारोबारी आगामी 3 मई का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब द्वितीय चरण के 19 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की तब कहा था कि राज्यों के मुख्यमंत्री भी लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में है। देशवासियों को उम्मीद थी कि 3 मई तक लॉकडाउन का सामना करना ही पड़ेगा। लेकिन 24 अप्रैल की आधी रात को केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने गाइड लाइन जारी कर लॉकडाउन में ही दुकानें खोलने के आदेश दे दिए। गृहमंत्रालय का जब यह आदेश 25 अप्रैल को अखबारों में छपा और चैनलों पर प्रसारित हुआ तो पूरे देश में असमंजस की स्थिति हो गई। कई शहरों में तो दुकानदार अपनी दुकानें खोलने के लिए पहुंच गए। जिन शहरों में कर्फ़्यू लगा हुआ था, उनमें भी कानून व्यवस्था बिगडऩे के हालात उत्पन्न हो गए। देशभर के हालातों को देखते हुए ही दोपहर 12 बजे गृहमंत्रालय ने संशोधित गाइड लाइन जारी की। इस गाइड लाइन में कहा गया कि कर्फ़्यू और हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में लॉकडाउन के प्रतिबंध जारी रहेंगे। संशोधित निर्देशों में यह भी कहा गया कि बाजारों में दुकानें नहीं खुल पाएंगी जो दुकानें रिहायशी क्षेत्रों में हैं, सिर्फ वो ही खुल सकेगी। लेकिन वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सभी स्थानों पर दुकानें खोली जा सकेंगी। संशोधित गाइड लाइन में शराब और तम्बाकू के उत्पादों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया। सवाल उठता है कि आखिर केन्द्र सरकार को आधी रात को अचानक ऐसा आदेश निकालने की जरुरत क्यों पड़ी? क्या इस आदेश को निकालने से पहले केन्द्र ने राज्य सरकारों से संवाद किया? सब जानते हैं कि लॉकडाउन के हालातों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 अप्रैल को राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संवाद करने वाले हैं। जब दुकान खोलने को लेकर राज्यों से कोई संवाद नहीं हुआ तो फिर केन्द्र सरकार ने अचानक ऐसा निर्णय क्यों ले लिया? यह भी सब जानते हैं कि 24 अप्रैल से ही रमजान माह की शुरुआत हुई। मीडिया की खबरों के मुताबिक रमजान माह की शुरुआत होते ही महानगरों में घनीआबादी वाले इलाकों में हजारों लोग सड़कों पर आ गए। सवाल उठता है कि तो क्या रमजान माह के दबाव के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने आधी रात को दुकानें खोने के आदेश जारी किए?? सवाल यह भी है कि जब लॉकडाउन चल रहा है, तब सभी प्रकार की दुकानें कैसे खोली जा सकती है। जिला प्रशासन के अधिकारी जानते हैं कि किन मुसीबतों के साथ लॉकडाउन को लागू करवाया जा रहा है। कर्फ़्यू के बाद भी लोग बेवजह अपने घरों से निकल रहे हैं। ऐसे में यदि केन्द्र सरकार दुकानें खोलने का आदेश जारी कर दे तो फिर हालातों को नियंत्रण में कैसे रखा जा सकता है। केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने किन हालातों में ऐसे आदेश  जारी किए हैं यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या राज्य सरकारें केन्द्र की इस गाइड लाइन को स्वीकार करेंगी? बताया जा रहा है कि निश्चित इंडिया में कोरोना कंट्रोल में है, फिर भी जिस तरह से कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए तो तीन मई के बाद भी लॉकडाउन की उम्मीद लगाई जा रही थी। लेकिन अब केन्द्र सरकार की नई गाइड लाइन ने इस बात के संकेत दिए हैं कि 3 मई के बाद देश में लॉकडाउन नहीं रहेगा। यह सही भी है कि जब रिहायशी क्षेत्र में सभी प्रकार की दुकानें खुल जाएंगी तो फिर लॉकडाउन के क्या मायने हैं। केन्द्र सरकार की गाइड लाइन के बाद राज्य सरकारों पर भी दबाव बढ़ गया है। हालांकि अब देशभर में असमंजस की स्थिति है और लोग राज्य सरकार के दिशा निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि दिल्ल और पंजाब सरकार ने केन्द्र सरकार की गाइड लाइन मानने से इंकार कर दिया है। इन दोनों राज्यों की ओर से साफ कहा गया है कि उनके प्रदेश में 3 मई तक लॉकडाउन जारी रहे। अब देखना है कि राजस्थान सहित अन्य राज्य केन्द्र की गाइड लाइन पर क्या निर्णय लेते हैं। 
(साभार: एस.पी.मित्तल)