बेंगलुरु। वैश्विक महामारी कोरोना एवं लोक डाउन का यह दौर नशे की लत से हमेशा के लिए छुटकारा दिलाने में बहुत ही मददगार साबित हो सकता है। पिछले 1 महीने से चल रहे लोक डाउन के दौरान घर के अंदर परिवार के साथ रहने के कारण या आसानी से उपलब्ध न होने के चलते बीड़ी, सिगरेट का एक कश भी न लेने वाले दृढ़ इच्छाशक्ति लाकर अब हमेशा हमेशा के लिए नशे की लत से छुटकारा पा सकते हैं। शराब, गांजा, भांग, तंबाकू व गुटखा आदि अन्य नशे से छुटकारा मिल सकता है। जीव दया प्रेमी एवं नशा विरोधी अभियान से जुड़े बेंगलुरु के प्रमुख समाजसेवी जवाहर चौधरी का कहना है कि नशे से छुटकारा पाने का यह एकदम सही समय है। इसे पूरी तरह से छुटकारा दिलाने में प्राणायाम और ध्यान भी बहुत ही सहायक साबित हो सकता है। वे कहते हैं धूम्रपान अगर कुछ समय तक किसी भी कारण से छूट जाता है तो लोग अपने में संयम लाकर इसे हमेशा के लिए मुक्ति पा सकते हैं। इससे जहां जीवन में खुशहाली आ सकती है वहीं शरीर भी निरोगी रह सकता है। धूम्रपान के साथ ही लोग 40 तरह के कैंसर को न्योता दे देते हैं, इसलिए इससे छुटकारा पाने में ही खुद के साथ ही समाज की भी भलाई है। चौधरी बताते हैं कि स्मोकिंग के बाद करीब 70 फीसदी जो धुआं बाहर छोड़ते हैं वह उन सभी को प्रभावित करता है, जो उनके संपर्क में आते हैं। उन्होंने बताया कि एक सर्वे के मुताबिक इस समय देश में करीब 12 करोड लोग धूम्रपान करते हैं और इसमें से कुछ फीसदी भी नशे को छोड़ देते हैं तब भी समाज का बहुत भला होगा, क्योंकि धूम्रपान करने वाले से ज्यादा नुकसान उसके धुँए की चपेट में आने वाला होता है। इस बीच बीड़ी-सिगरेट तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लग गई है। इसके चलते इसकी आसानी से उपलब्धता भी खत्म हो गई है। इसके अलावा खुले में थूकने पर भी मनाही हो गई है, इस भय से भी लोग अब नशे से तौबा करने में अपनी भलाई समझेंगे। जीतो के एफसीपी मेंबर जवाहर चौधरी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति एक से 6 महीने तक नशा ना करें तो दृढ़ इच्छाशक्ति और परिवार के सहयोग से सदा के लिए नशे से छुटकारा पा सकता है। उन्होंने कहा कि अपने में दृढ़ इच्छाशक्ति लाएं और तय कर ले कि बिना नशे के भी व्यक्ति सामान्य तरीके से जिंदगी जी सकते हैं। जब कभी नशे की लत महसूस हो, अपनों के बीच बैठ जाना चाहिए और उनके साथ समय व्यतीत करना चाहिए या किसी ऐसे मनपसंद काम में मन लगाना चाहिए ताकि नशे की लत को भूल जाएंगे। यही छोटी-छोटी तरकीब आजमा कर बेहतर जिंदगी की तरफ बढ़ा जा सकता है।
नशे को 'बाय-बाय' कहने का सही वक्त : जवाहर चौधरी