आपको पता भी है..? ; घर से ज्यादा सुविधाएं हैं क्वारंटीन सेंटरों में, रोजेदारों को भी सुबह तीन बजे स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है..



न्यूजडेस्क। कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर क्वारंटीन सेंटरों में रहने वालों को मानसिक पीड़ा हो सकती है, लेकिन यहां बात राजस्थान के अजमेर की। अजमेर में क्वारंटीन सेंटरों में रहने वाले करीब 800 लोगों को घर से भी ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। अजमेर शहर में 14 क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें पांच सितारा सुविधा वाले होटल मानसिंह से लेकर एमडीएस यूनिवॢसटी के निकट राजकीय आयुर्वेद औधालय तक शामिल हैं। क्वारंटीन सेंटरों में सप्लाई होने वाली खाद्य सामग्री के मूल्य अजमेर विकास प्राधिकरण ने तय किए हैं। प्राधिकरण की ओर से रोजेदारों का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है। रोजेदारों को सुबह तीन बजे गर्मागरम भोजन उपलब्ध करवाए जा रहा है, ताकि सेहरी के समय रोजेदार को कोई परेशानी नहीं हो। रमजान  माह में जो मुसलमान रोजे रखते हैं उन्हें चौबीस घंटे में करीब 14 घंटे भूखा रहना पड़ता है। सुबह चार बजे के बाद और शाम को सात बजे बाद ही रोजेदार खाद्य सामग्री ग्रहण करता है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुबह तीन बजे गर्म दाल, चावल, पांच चपाती, आचार, मिठाई आदि सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है। शाम को रोजा खोलने के समय सात रुपए की लागत में एक केला और दो पिंड खजूर उपलब्ध करवाए जाते हैं। शाम को रोजेदार और गैर रोजेदारों को डिनर उपलब्ध करवाया जाता है। लंच और डिनर की अलग अलग कीमत 105 रुपए निर्धारित है। क्वारंटीन सेंटर में रह रहे बच्चों को जहां दूध उपलब्ध करवाया जाता है, वहीं बड़ो को 8 रुपए के मूल्यवाली चाय उपलब्ध करवाई जाती है। सभी को फिल्टर किया हुआ कैम्पर का पानी उपलब्ध करवाया जाता है। 800 लोगों में प्रतिदिन 500 कैम्पर उपयोग में लाए जा रहे हैं। एक कैम्पर की कीमत 35 रुपए रखी गई है। इसके अतिरिक्त लाइफ बॉय, डिटॉल वाले साबून, नारियल, आंवला आदि के तेल भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। यहां तक कोलगेट पेस्ट तक दिया गया है। सभी व्यक्तियों को अलग अलग प्लास्टिक की बाल्टी, मग, साबूनदानी आदि सामग्री भी उपलब्ध करवाईगई है। चाय व बिस्कुट भी दिए जा रहे हैं। यानि जितनी सुविधाएं घर पर मिलती है उससे ज्यादा क्वारंटीन सेंटर में उपलब्ध है। सभी को गद्दे, चादर, तकिए आदि भी उपलब्ध करवाए गए हैं। क्वारंटीन सेंटर में रहने की अपनी पीड़ा हो सकती है, लेकिन सरकार की और से कोई कमी नहीं रखी गई है। सेंटरों पर साफ सफाई का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। यदि कोई कमी है तो उसे दूर करने का प्रयास भी होता है। प्रशासन की ओर से लंच और डिनर में रसगुल्ला, खीर, केसरबाटी, गुलाब जामुन जैसी मिठाई रोजाना परोसी जा रही है। भोजन की गुणवत्ता की प्राधिकरण के अधिकारी समय समय पर जांच करते हैं। 
(साभार:एसपी.मित्तल)



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