राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी "सिद्धि सम्राट" उपाधि से अलंकृत

 


व्यापार में ग्राहक को माने भगवान, कामयाब लोग अपने फैसलों से दुनिया बदल देते हैं : डॉ वसंतविजयजी म.सा.



राजगढ़। विश्वविख्यात कृष्णगिरी शक्तिपीठाधिपति राष्ट्रसंत डॉक्टर वसंतविजयजी म.सा. के यहां मध्यप्रदेश के धार जिले के राजगढ़ कस्बे में पहली बार त्रिदिवसीय सर्वधर्म जनकल्याण महोत्सव के समापन से पूर्व सर्वधर्म भैरव भक्त मंडल द्वारा "सिद्धि सम्राट" अलंकरण से नवाजा गया। कार्यक्रम में अनन्यभक्त एवं मंडल के डॉ सुनील मंडलेचा, राजेंद्र कोठारी, राहुल जैन, संजय भंडारी, उमंग चंडालिया, मनीष कुमार, पप्पू भैया, विकास पालरेचा, सचिन पालडी, संदीप जैन, आशय जैन, अमृत जैन व रूपेश कोठारी आदि ने संतश्रीजी को आदर की चादर ओढाकर सम्मान किया। साथ ही पदवी अलंकरण मेमेंटो भेंटकर मंगलमय आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर डॉ वसंतविजयजी ने अनेक संगीतमय भक्ति की प्रस्तुतियां दी।  उन्होंने "करो ऐसा व्यापार, जिससे हो जाए बेड़ा पार.."  विषयक अपने प्रवचन में व्यापार शब्द का अर्थ एवं महत्व समझाया  तथा बताया कि हम अपने व्यापार को कैसे श्रेष्ठ बना सकते हैं। इसमें भी मकान एवं दुकान का वास्तु सही हो तो व्यापार में ऊंचाइयां प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यापारी के लिये ग्राहक भगवान का रूप होता है, उनका सदैव स्वागत एवं सम्मान हमारे प्रतिष्ठान में मुस्कुराते हुए ही करना चाहिए। इसी प्रकार कर्ज में डूबे हुए व्यक्ति को कर्ज मुक्ति के लिए बीज मंत्र तथा व्यापार वृद्धि के लिए सिद्धिदायक महालक्ष्मी मंत्र भी संतश्रीजी ने बतलाया। प्रवचन सभा में अनेक व्यापारियों को उनके जीवन में आने वाली विभिन्न कठिनाइयों के कारण बताते हुए उनके घर, दुकान और पारिवारिक दोष के निवारण भी बतलाए। साथ ही उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ विचार और सकारात्मक सोच के साथ व्यक्ति को अपने जीवन में लक्ष्य तय करके आगे बढ़ना चाहिए। बगैर लक्ष्य के जीने वाला व्यक्ति इस दुनियावी संसार में भटकता रहता है। डॉक्टर वसंतविजयजी ने अनेक उदाहरण एवं प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि आध्यात्मिक क्षेत्र में बतौर श्रावक-श्राविका उसके जीवन में दान, धर्म, सेवा, परोपकार, त्याग, तपस्या तथा व्रत-नियम की पालना भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि परमात्मा की भक्ति, आराधना, स्तुति श्रद्धालु के जीवन में रिद्धि-सिद्धि, सुख-शांति व समृद्धि के साथ-साथ पूर्व उपार्जित कर्मों की निर्जरा भी कराती है। वे बोले कि कामयाब लोगों की पहचान होती है कि वह अपने फैसलों से दुनिया बदल देते हैं, जबकि नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फैसले बदल देते हैं। राष्ट्रसंतश्रीजी ने यह भी कहा कि हृदय से की गई सच्ची और निस्वार्थ सेवा से संतों का आशीर्वाद मिलता है। यदि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार से दुखी अथवा परेशान है तो उसे अपनी चिंता छोड़कर अपने गुरु व मार्गदर्शक की शरण में जाकर निष्ठा पूर्वक सेवा अथवा परमात्म भक्ति करनी चाहिए, निश्चित ही सुखद परिणाम मिलते हैं। मंडल के राजेंद्र कोठारी ने बताया कि कार्यक्रम में धार से कांग्रेस नेता मनोज सिंह गौतम, प्रवीण गुप्ता, प्रमिला जैन उज्जैन, सुमित घोड़ावत इंदौर सहित जावरा, राजोत, लाभरिया, झखनावदा, दसई, टांडा, रिंगनोद, बाग कुकसी आदि क्षेत्रों से व्यापारीगण व बड़ी संख्या में सर्व समाज के विभिन्न उम्र वर्ग के लोगों ने देर रात्रि तक संतश्रीजी के कृपामयी मांगलिक आशीर्वाद को प्राप्त किया। इस अवसर पर अनेक सेवाभावी गुरु सेवकों का भी मंडल द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर सुनील मंडलेचा ने किया। उन्होंने बताया कि राजेंद्र करणपुरिया, त्रिलोक मोदी एवं पार्टी ने भी संगीतमय भजनों की प्रस्तुतियां दी। सभी का आभार संजय मेहता ने जताया।



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