जीवन का आधार-गीता का सार विषयक तीन दिवसीय प्रवचन माला 22 से

 


बीकानेर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के क्षेत्रीय केन्द्र सार्दुलगंज की ओर से ’सहज राजयोग से स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन’’ विषयान्तर्गत तीन दिवसीय ’’जीवन का आधार-गीता का सार’’ प्रवचनमाला 22 से 24 फरवरी तक वेटरनरी विश्व विद्यालय प्रेक्षागृह में शाम पांच बजे से सात बजे तक आयोजित की जाएगी। मुख्य वक्ता देश-विदेश में गीता प्रवचनों के लिए विख्यात राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी होगी।
क्षेत्रीय केन्द्र प्रभारी बी.के. कमल ने बताया कि पैतीस वर्षों से मानव सेवा के लिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरी विश्व विद्यालय, माउंट आबू में प्रभु समर्पित बी.के.उषा दीदी का बीकानेर में पांच वर्ष के बाद गीता पर दूसरी बार प्रवचन माला हो रही है। सितम्बर 2019 को अमेरिका सेवेलनेस एम्बेसेडर एट मनोबल आॅडर्स आॅफ डिग्नीटरीज एण्ड फिलेन्थ्रपिस्ट जी.ओ.डी. अवार्ड से सम्मानित देश-विदेश में हजारों प्रवचन, सेमिनार और सम्मेलनों में सम्बोधित करने वाली बी.के.उषा एनिमेटेड स्लाईडशो के साथ गीता ज्ञान की अद्भूत प्रस्तुति से भी अपनी पहचान बनाई है । इनके प्रवचन विभिन्न धार्मिक व अन्य चेनलों पर नियमित प्रसारित होते रहते है।
उन्होंने बताया कि महाविद्यालय, विश्व विद्यालय, सामाजिक संस्था, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय काॅपरेट कंपनी एवं इंडस्ट्रीज में तनाव मुक्ति और शांति अनुभूति, सकारात्मक जीवन शैली पर विशेष प्रशिक्षण शिविर से हजारों लोगों को प्रशिक्षित कर चुकी बी.के.उषा दीदी तीनों दिन गीता के अलग-अलग विषयों पर प्रवचन देंगी।
बी.के.कमल ने बताया कि महा शिवरात्रि के मौके पर आयोजित प्रवचन माला के प्रथम दिन 22 फरवरी को वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में शाम पांच बजे उद्घाटन सत्र के बाद ’’ अर्जुन का विषाद योगः वर्तमान संसार में भटका हुआ मानव मन’’ विषय पर, दूसरे दिन 23 फरवरी को ’’गीता वर्णित सांख्य योगः आत्मज्ञान और स्थित प्रज्ञ’’ और प्रवचन माला के अंतिम दिन 24 फरवरी को शाम पांच से सात बजे तक ’’भगवद् दर्शन का वास्तविक स्वरूप’’ विषय पर प्रवचन होगा।
बी.के.कमल ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रवचनकर्ता बी.के. उषा दीदी की प्रवचन माला का लाभ आम लोगों को मिले इसके लिए शहर में अनेक स्थानों होर्डिंग्स और बेनर लगवाएं गए है।
क्षेत्रीय केन्द्र प्रभारी बी.के.कमल ने कहा कि सर्व शास्त्रमयी शिरोमणी श्रीमद् भगवद् गीता मानवता के प्रति परमात्मा का आदेश, उपदेश और संदेश देने वाला अमूल्य ग्रंथ है। गीता सिर्फ एक पुस्तक नहीं है, यह तो जीवन मृत्यु के दुर्लभ सत्य को अपने में समेटे हुए है। गीता में लिखे उपदेश किसी एक मनुष्य विशेष या किसी खास धर्म के लिए नहीं हे, इसे उपदेश तो पूरे जगत के लिए है। गीता में अध्यात्म और ईश्वर के बीच के गहरे संबंध को उजागर करते हुए त्याग, प्रेम, कर्तव्य, धीरज, संतोष, शांति, सिद्धि और मोक्ष प्राप्ति का उपदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि गीता हमें जीवन के शत्रुओं से लड़ना सिखाती है और ईश्वर से एक गहरा नाता जोड़ने में मदद करती है। कर्म को महत्व देने वाली गीताजी हमें अहंकार, ईष्र्या व लोभ आदि का त्याग कर मानवता को अपनाने का संदेश देती है।


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