प्रभु भक्ति, गुरु सेवा से चमकेगी व्यक्ति की तकदीर : डॉ वसंतविजयजी म.सा.


1 मार्च को उज्जैन में होगी सर्वसमाज के श्रद्धालुओं के लिए प्रत्यक्ष चमत्कारिक अमृतवाणी की वर्षा, मिटेंगे कष्ट-बढ़ेगी सुख समृद्धि..



उज्जैन। श्रीपार्श्व पद्मावती शक्तिपीठधाम कृष्णगिरी के पीठाधीपति, राष्ट्रसंत, सर्वधर्म दिवाकर, मंत्र शिरोमणि, साधक संत डॉ श्री वसंत विजय जी महाराज साहेब ने कहा कि परमात्मा की भक्ति एवं गुरु सेवा से ही पुनवानी में वृद्धि होती है और व्यक्ति का भाग्य चमक सकता है। दान, धर्म, सत्य, त्याग और प्रेम भी इसी के अंग है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बगैर कुछ खाए-भोजन किए व्यक्ति का पेट नहीं भर सकता। वैसे ही बिना दान, धर्म, सेवा-भक्ति के पुण्य नहीं बढ़ सकता है। वे यहां नृसिंह घाट स्थित हरियाणा सेवा आश्रम-महन्त कृष्णगिरी धाम में श्रद्धालुओं को अपनी अमृतवाणी से संबोधित कर रहे थे। धाम से जुड़े गुरुभक्त शैलेन्द्र तल्लेरा ने बताया कि इस अवसर पर श्री पाश्र्व पद्मावती सेवा ट्रस्ट उज्जैन के सचिव रूपेश जैन, मध्य प्रदेश सोशल ग्रुप के अध्यक्ष जयंतीलाल फाफरिया, योगेश कोचर, राजेश सोनी, जवरचंद पुनमिया, परेश भाई ठक्कर, प्रसन्न कुमार, दिव्य चोपड़ा सहित अनेक गुरु भक्त मौजूद रहे। इनमें स्थानीय सहित इंदौर, गांधीधाम, चेन्नई और बेंगलुरु के श्रावक-श्राविकाएं शामिल थे। संतश्रीजी ने गुरु महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु के सान्निध्य की ऊर्जा की तरंगों से जितनी असीम शक्ति है वह संसार के किसी भी रंग में नहीं है। वे बोले, व्यक्ति को अथाह परिश्रम के बाद भी किसी प्रकार से सफलता ना मिले, उसे गुरुभक्ति सेवा के परिश्रम का फल अनेक रूपों में चमत्कारिक तरीके से निश्चित ही प्राप्त हो सकता है। डॉ वसंतविजयजी ने कहा कि जो व्यक्ति सब प्रकार से निराश हो जाए उसे ईश्वरीय प्रकाश गुरु की निश्रा में ही प्राप्त हो सकता है। गुरुभक्त शैलेन्द्र तल्लेरा ने बताया कि आगामी 1 मार्च को महाकाल बाबा की अवंती नगरी उज्जैन वासियों को भगवान भैरवनाथ के प्रत्यक्ष चमत्कारिक आशीर्वाद का लाभ संत श्रीजी की निश्रा में मिलेगा। उन्होंने बताया कि सिद्धि सम्राट, सर्वधर्म दिवाकर डॉक्टर वसंत विजयजी के मुखारविंद से यहां नीलगंगा चौराहा स्थित शिवांजली गार्डन में पहली बार व्यापक स्तर पर सर्वधर्म व सर्वसमाज के श्रद्धावान लोगों के लिए अपने मुखारविंद से कष्ट निवारक, सुख समृद्धि प्रदायक अमृतवाणी की वर्षा करेंगे।