राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा.के मुखारविंद से विश्व इतिहास में पहली बार इंदौर में शत्रुंजय भावयात्रा 15 को


श्रीजी वाटिका में जीवन के सर्वांगीण विकास का अनुपम मार्गदर्शन आज से


इंदौर। मध्य प्रदेश ही नहीं अंतराष्ट्रीय स्तर पर विश्व इतिहास में पहली बार इंदौर शहर में राष्ट्रसंत एवं श्रीकृष्णगिरी पार्श्वपद्मावती शक्तिपीठाधिपति डॉ वसंतविजयजी म.सा. के मुखारविंद से श्री शत्रुंजय महातीर्थ की अलौकिक भाव यात्रा का आयोजन 15 मार्च को होगा। यह उद्घोषणा संत श्री जी ने यहां श्रीजी वाटिका में स्थानीय भक्त मंडल की विनती पर की। भगवान आदिनाथजी के जन्म कल्याणक महोत्सव निमित्त एक दिवस पूर्व इस भाव यात्रा में 17 जिर्णोधारों का विभिन्न वर्णन सहित 5 चैत्य वंदन एवं आदिनाथ परमात्मा के 108 पूज्य दिव्य नामों का वर्णन होगा। यतिवर्यश्रीजी द्वारा शत्रुंजय के कण कण में बसे हुए अनंतानंत सिद्ध आत्माओं के चरित्र एवं पवित्र वन्दन के साथ यह संगीतमय दिव्य आयोजन होगा। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पारस चेनल पर भी होगा। साथ ही संतश्रीजी श्रीजी वाटिका में ही 11 मार्च से प्रतिदिन रात्रि 10 बजे से जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए अनुपम मार्गदर्शन संदेश भी दे देंगे। सिद्ध साधक संत, मंत्रशिरोमणिजी ने इस अवसर पर अपने अमृतमयी संदेश में उपस्थित श्रद्धालुओं को योग्यता उत्पन्न करने की सीख दी। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को श्रीमद्भागवत गीता के माध्यम से दिए ज्ञान प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि ज्ञान गली में बांटने की चीज नहीं है वह योग्य एवं श्रेष्ठ व्यक्ति को ही दिया जाता है। वे बोले कि निश्चित ही चारित्र एवं मोक्ष का मार्ग अलग है। मगर पथभ्रष्ट हो रहे सांसारिक स्वार्थी लोग एवं स्वार्थी समाज को ज्ञान एवं संस्कारों की बेहद आवश्यकता है। अपने धारदार, ओजस्वी एवं कड़वे अमृतमयी वचनों में डॉ वसंतविजयजी म.सा.ने कहा कि व्यक्तिगत किसी की टिप्पणी दोष का भागी बनाती है। झूठ नहीं बोलने, क्रोध नहीं करने, सूर्यास्त अर्थात रात्रि भोज त्याग करने सहित देव, गुरु एवं धर्म को सर्वमान्य मानने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सेवा और भक्ति से ज्ञान, संस्कार की प्राप्ति संभव है। इस अवसर पर विगत रविवार, 8 मार्च को संतश्रीजी द्वारा इंदौर के दस्तूर गार्डन में मित्र मुहूर्त में अति दिव्य एवं चमत्कारिक महालक्ष्मी महामांगलिक में वैश्विक स्तर पर हजारों श्रद्धावान लोगों को मिले सोने,चांदी की मुद्राएं, कुमकुम, अक्षत तथा भारतीय मुद्रा के सिक्के-नोट आदि के प्रत्यक्ष चमत्कारिक प्रभावों का गुरु संदेश वाचन भी व्यापक स्तर पर सौमिल जैन ने किया। इस मौके पर कार्यक्रम में कृष्णगिरी भक्त मंडल इंदौर के अध्यक्ष अभय बागरेचा, अजय कटारिया, रितेश नाहर, अरविंद बांठिया, अर्पिता-जितेंद्र बाफना सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।



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