स्वस्थ जीवन शैली के लिए वैश्विक स्तर पर जीव दया जरूरी : राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी म.सा.


कोरोना के भय से दुनिया कर रही हमारा ही "नमस्ते-अभिवादन" अंगीकार 



मंत्र शिरोमणिजी ने उज्जैन में पहली बार ब्रह्मांड की असीम शक्तियों से कराया साक्षात्कार



श्री कृष्णगिरी पार्श्व पद्मावती भक्त मंडल ने किया संतश्री का कांबली ओढ़ाकर सत्कार



उज्जैन। श्री कृष्णगिरी पार्श्वपद्मावती शक्तिपीठाधीपति, विश्व विख्यात राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने कहा कि जैन धर्म एवं भारतीय सनातन संस्कृति  देश और दुनिया में सर्वश्रेष्ठ रही है और रहेगी। वर्तमान दौर में जिस कोरोना वायरस से वैश्विक स्तर पर हव्वा बना हुआ है। उसे भी नमस्ते अर्थात भारतीय परंपरा के हाथ जोड़कर अभिवादन करने को अंगीकार किए जाने की अपील दुनियाभर के लोग कर रहे हैं। यह साबित करता है कि ज्ञान को प्रकट करने के लिए अज्ञानता को मिटाने की जरूरत है। उन्होंने जीव दया और अहिंसा परमो धर्म के संदेश को विस्तारित करते हुए कहा कि स्वस्थ जीवन शैली के लिए सात्विकता को अपनाना होगा व जीवदया के तहत मांसाहार को त्यागना होगा। यहां नीलगंगा चौराहा स्थित शिवांजलि गार्डन में देश और दुनिया के बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं को ब्रह्मांड की असीम शक्तियों से साक्षात्कार कराने, पाप-दोष कष्ट निवारण के साथ गुरु कृपा प्रदान कराने के अभिनव कार्यक्रम "गुरु आराधना महोत्सव" में संतश्रीजी ने कहा कि इस धरा पर दानवीर समृध्दवान, क्षत्रिय व पवित्र-चरित्रवान निर्मल साधुओं की शून्यता कभी नहीं होगी। अस्सी हजार से भी अधिक अजैन परिवारों को मांस-मदिरा सहित कंदमूल का त्याग कराने वाले शांतिदूत डॉ वसंतविजयजी ने कहा कि संतों की पावन निश्रा दुनिया को नर्क में जाने से बचा सकती है। आवश्यकता अज्ञानतावश हुए पापों को मिटाने की है, जो कि परमात्मा की अदृश्य शक्तियों से सिद्ध साधक संतो के द्वारा अर्थात पश्चाताप करके की जा सकती है। उन्होंने कहा कि गुरु ही श्रद्धावान व्यक्ति के कर्मों में पुण्य प्रकट करा सकते हैं। दुनियावी संसार को स्वार्थी बताते हुए संतश्रीजी ने कहा कि इस कलयुग में देवता है या नहीं यह विश्वास उठ रहा है, लेकिन वे देवों की कृपा से भारत देश को समृद्ध एवं भारत वासियों के कल्याण हेतु प्रयत्नशील है। डॉ वसंतविजयजी ने अपने अलौकिक मंत्र शक्तिपात से कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों को चंदन एवं गुलाब की खुशबू का वायुमंडल में एहसास कराया व देवकृपा से अनेक लोगों को चमत्कारिक रूप से 1, 2, 5 व 10 रुपये के सिक्के तथा कुमकुम आदि भी पर्स-जेब में उपलब्ध करवाए। कार्यक्रम में संतश्रीजी का श्री पार्श्वपद्मावती शक्ति पीठ भक्त मंडल उज्जैन के अध्यक्ष प्रकाश तल्लेरा व शैलेंद्र तल्लेरा सहित अनेक गुरुभक्तों ने गुरु वंदन-पूजन कर एवं काबली ओढ़ाकर सत्कार किया। अक्षत तल्लेरा ने बताया कि संगीतकार दीपक करणपुरिया एवं नरेंद्र वाणीगोता ने संयुक्त रुप से संचालन करते हुए अनेक भक्तिमयी प्रस्तुतियां दी। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पारस चेनल पर किया गया। सभी का आभार प्रकाश तल्लेरा ने जताया।