गाय का मांस खाने की बात कह कर विवाद में आने वाले फिल्म स्टार ऋषि कपूर का निधन, 30 अप्रैल को लगातार दूसरे दिन भारतीय सिनेमा जगत को झटका 67 साल के ऋषि कपूर ने 64 साल के करियर में 151 फिल्मों में अभिनय..



न्यूज डेस्क। अपने जीवन काल में गाय का मांस खाने की बात कह कर विवादों में आए मुम्बईया हिन्दी फिल्मों के कलाकार ऋषि कपूर का 30 अप्रैल को निधन हो गया। यूं तो ऋषि का फिल्मी करियर सफल रहा, लेकिन एक बार वे तब विवाद में आए जब उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा कि हां मैं गाय का मांस खाने वाला हिन्दू हूं। मैं क्या खाता हूं, किसी की पूजा करता हूं, इससे किसी को क्या मतलब। ऋषि के इस बयान की देशभर में आलोचना हुई, लेकिन ऋषि कपूर अपनी बात पर कायम  रहे। 


दूसरे दिन लगातार झटका..


30 अप्रैल को लगातार दूसरा दिन रहा जब भारतीय फिल्म जगत को झटका लगा है। 29 अप्रैल को इरफान खान जैसे  संघर्षशील और सफल कलाकार का निधन हो गया। तो 30 अप्रैल को फिल्मी परिवार के कपूर खानदान के चिंटू उर्फ ऋषि कपूर का मुम्बई के रिलायंस अस्पताल में निधन हुआ। इरफान 54 तथा ऋषि 67 साल के थे। राजस्थान के टोंक जिले के एक गांव से निकल कर रंगमंच का सफर तय करते हुए इरफान ने संघर्ष कर फिल्म जगत में सफलता पाई। वहीं फिल्म परिवार होने के कारण ऋषि को मात्र पांच वर्ष की आयु में ही फिल्म मेरा नाम जोकर में काम करने का अवसर मिल गया। पिता राजकपूर ने बेटे ऋषि के लिए काफी कुछ किया। लेकिन यदि ऋषि में काबिलीयत नहीं होती तो पिता के प्रयास भी बेकार हो जाते। यह सही है कि पिता राजकपूर ने ऋषि को सीढ़ी उपलब्ध करवाई। लेकिन सीढ़ी पर सफलतापूर्वक चढऩे का काम स्वयं ऋषि ने किया। यही कारण रहा कि चॉकलेटी चेहरे वाले चिंटू ने 64 साल के करियर में 151 फिल्मों में अभिनय किया। चिंटू की प्रसिद्धी जब चरम पर थी, तभी अपनी साथी कलाकार नीतू सिंह से विवाह भी कर लिया। ऋषि कपूर उन चुनिंदा कलाकारों में से एक थे, जिनके वैवाहिक जीवन को लेकर कोई प्रतिकूल बातें सामने नहीं आई। कपूर खानदान का जो फिल्मी करियर पृथ्वीराज कपूर से शुरू हुआ था, वो आज भी जारी है। ऋषि के बेटे रणवीर कपूर भी सक्रिय है, लेकिन जो सफलता ऋषि और उनके भाई शशि कपूर को मिली वैसे सफलता अभी रणवीर को नहीं मिल पाई है। सब जानते हैं कि राजकपूर की छवि ग्रेट शो मैन की रही। राजकपूर स्वयं तो अच्छे कलाकार थे ही, लेकिन उन्होंने बेहतरीन फिल्में भी बनाई। अपने बेटे ऋषि, शशि और रणधीर को केन्द्रीत कर अनेक फिल्में बनाई। राजकपूर का ही दम था कि जब 80 और 90 के दशक में चमकते सितारे अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, राजेश खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा, जितेन्द्र थे तब ऋषि और शशि को लेकर अनेक फिल्में बनाई गई। ऋषि और शशि में कबिलीयत थी, इसलिए अन्य निर्माताओं और निर्देशों ने भी ऋषि को लेकर फिल्में बनाई। लेकिन अब रणबीर कपूर को ऐसा सहयोग नहीं मिल रहा है। यह जीवन का सत्य है कि ताकतवर व्यक्ति की मदद के लिए अनेक लोग मिल जाते हैं, जबकि कमजोर व्यक्ति को मदद के लिए संघर्ष करना पड़ता है। ऋषि की सफल फिल्मों में बॉबी, अमर अकर ऐंथोनी, प्रेस रोग, सागर खेल खेल में नगीना, लैला मजनू, चांदनी, हीना, सरगम, घराना, दामिनी, नसीब अपना अपना, नमस्ते लंदन, मुल्क आदि को माना जा सकता है।
 
मेयो कॉलेज में भी पढ़ाई..


ऋषि कपूर ने 1960 में अजमेर के मेयो कॉलेज शिक्षण संस्थान में भी पढ़ाई की। प्राप्त जानकारी के अनुसार मेयो कॉलेज में पढ़ाई में मन नहीं लगने की वजह से ऋषि ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी और फिर मुम्बई के स्कूल में एडमिशन लिया। मेयो कॉलेज में ऋषि ने मुश्किल से आठ माह ही पढ़ाई की। 
(साभार:एसपी.मित्तल)


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