..तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपने 8 हजार विद्यार्थियों को अशोक गहलोत के शासन वाले कोटा शहर से निकाल कर ले गए, गहलोत राजस्थान के विद्यार्थियों और कामगारों की सुध क्यों नहीं लेते?



न्यूज डेस्क। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत यही राग अलापते रह गए कि लॉकडाउन में जो जहां फंसा है, वह वहीं फंसा रहे, लेकिन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अशोक गहलोत के शासन वाले कोटा शहर से अपने राज्य के आठ हजार विद्यार्थियों को निकाल कर ले गए यदि राजस्थान में भाजपा का शासन होता तो कहा जा सकता था कि राजनीतिक मिली भगत से सीएम योगी अपने विद्यार्थियों को निकाल कर ले गए हैं। लेकिन राजस्थान में तो उन अशोक गहलोत का कांग्रेस शासन है जो हर शब्द में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार की आलोचना करते हैं। मोदी और केन्द्र सरकार की नीतियों को कोसने में गहलोत कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि यूपी के सीएम योगी अपने विद्यार्थियों को गहलोत के राज्य से कैसे निकाल पाए? सब जानते है कि कोटा के कोचिंग सेंटरों में पढऩे वाले 30 हजार विद्यार्थी लॉकडाउन में अभी भी फंसे हुए हैं। 17 अप्रैल की रात को 300 बसें भेज सीएम योगी ने अपने राज्य के 8 हजार विद्यार्थियों को तो कोटा से सकुशल निकाल लिया। अब पूरे यूपी में योगी की राजनीतिक कुशलता की प्रशंसा हो रही है। जिन अभिभावकों के बच्चे फंसे थे, उन्हें भी पता था कि अशोक गहलोत के राज्य से बच्चों को निकालना आसान नहीं है, लेकिन योगी ने यह कठिन काम भी कर दिया। योगी की इस पहल से अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर भी दबाव बढ़ गया है। यह भी सब जानते हैं कि राजस्थान के विद्यार्थी और कामगार भी दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। सवाल उठता है कि क्या सीएम गहलोत अपने प्रदेश के लोगों को लॉकडाउन में बाहर निकाल पाएंगे? जब सीएम योगी कोटा में अपने विद्यार्थियों को निकाल सकते हैं तब अशोक गहलोत क्यों नहीं? लेकिन सवाल यह है कि गहलोत यूपी के सीएम जैसी इच्छा शक्ति कब दिखाएंगे? सीएम गहलोत को यह भी सार्वजनिक करना चाहिए कि यपीू के विद्यार्थियों को किन शर्तों पर कोटा से बाहर जाने दिया गया। जब एक ओर पूरे देश-प्रदेश में लॉकडाउन है तब राजस्थान की सरकार में किस स्तर पर 8 हजार विद्यार्थियों को जाने की अनुमति दी गई? अकेले कोटा के प्रशासन में इतनी हिम्मत नहीं थी कि योगी के शासन वाले यूपी के विद्यार्थियों को चले जाने की अनुमति दे दे। 8 हजार विद्यार्थियों को यूपी भेजने से पहले कोटा प्रशासन ने सरकार में उच्च स्तर से अनुमति ली होगी। इसे योगी की कुशलता ही कहा जाएगा कि अपने विद्यार्थियों को ले जाने में सफल रहे। योगी की राजनीतिक कुशलता के आगे अशोक गहलोत के लॉकडाउन के सारे प्रतिबंध धरे रह गए हैं। देशव्यापी लॉकडाउन में एक राज्य से दूसरे राज्य में सामूहिक तौर पर 8 हजार युवाओं के स्थानांतरण पर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और यूपी की प्रभारी महामंत्री श्रीमती प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया का भी इंतजार रहेगा। देखना होगा कि गहलोत का यह निर्णय राजनीतिक दृष्टि से कितना महंगा साबित होगा। 
(साभार : एसपी.मित्तल)


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